ऑपरेशन सिंदूर: "अजमल कसाब और डेविड हेडली को ट्रेनिंग देने वाला आतंकी कैंप तबाह," भारतीय सेना का बयान

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने बुधवार को खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो आतंकी ठिकाने तबाह किए गए, उनमें एक वही कैंप भी शामिल था जहाँ 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य आरोपी अजमल कसाब और डेविड हेडली को प्रशिक्षण दिया गया था।
मोहम्मद अजमल आमिर कसाबएक पाकिस्तानी आतंकवादी था, जो लश्कर-ए-तैयबा नामक इस्लामी आतंकी संगठन का सदस्य था। उसने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में सक्रिय भाग लिया था।
डेविड कोलमैन हेडली एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी था, जिसे 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। उसने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर हमलों की योजना बनाई और विभिन्न तैयारियों में भाग लिया।
सेना की ओर से मीडिया को जानकारी देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने एयरस्ट्राइक के वीडियो प्रस्तुत किए, जिनमें कई आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर तबाह करते हुए दिखाया गया। इनमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरिदके भी शामिल था।
उन्होंने बताया, "बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय मार्कज़ सुब्हान अल्लाह भी भारतीय सेना की स्ट्राइक का निशाना बना। हमने किसी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया और अब तक पाकिस्तान में किसी नागरिक की मौत की कोई खबर नहीं है।"
ऑपरेशन सिंदूर के तहत कुल 9 ठिकानों पर कार्रवाई की गई — जिनमें 4 पाकिस्तान और 5 पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी।
भारतीय वायुसेना ने यह लक्ष्य खुफिया जानकारी के आधार पर चुने, जिनसे संकेत मिले थे कि आतंकवादी शिविर हेल्थ सेंटर के रूप में छिपाए जा रहे थे ताकि अंतरराष्ट्रीय निगरानी से बचा जा सके।
जिन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, वे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़बुल मुजाहिदीन द्वारा संचालित थे।
इनमें लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके मुख्यालय शामिल था — जहां डेविड हेडली और तहाव्वुर राणा गए थे, और जो अजमल कसाब के प्रशिक्षण से भी जुड़ा था। रिपोर्टों के अनुसार, ओसामा बिन लादेन ने यहां एक गेस्ट हाउस के लिए 10 लाख रुपये का दान भी दिया था।
एक अन्य ठिकाना शवाई नल्ला कैंप, मुझफ्फराबाद (PoK) — जो 2000 से संचालित हो रहा था और जिसमें एक साथ 200-250 आतंकियों को रखा जा सकता था — को भी ध्वस्त किया गया।
सरजल, तहरा कलां (नरोवाल जिला, पाकिस्तान) — जो जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख लॉन्चपैड था और हेल्थ सेंटर की आड़ में संचालित होता था — भी एयरस्ट्राइक में तबाह किया गया। यह जम्मू के सांबा सेक्टर से केवल 6 किमी दूर स्थित था और सुरंग खोदने तथा ड्रोन से हथियार व मादक पदार्थ गिराने के लिए इस्तेमाल होता था।
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