भारत का जलवायु परिवर्तन पर प्रभावी काम, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने किया गुणगान

दिल्ली:अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में भारत के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने HT समिट में कहा कि भारत ने इस दिशा में शानदार काम किया है, खासकर लोगों में जागरूकता फैलाने के मामले में। पिछले कुछ सालों में भारत ने जलवायु परिवर्तन को हर व्यक्ति तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जॉन केरी ने यह भी कहा कि हम जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत, चीन, रूस जैसे देशों की तरफ देख रहे हैं और हमें इस पर बिना किसी राजनीतिक लाभ के एकजुट होकर काम करना चाहिए।
इजरायल-गाजा संघर्ष पर जॉन केरी के विचार
जॉन केरी ने इस दौरान इजरायल-गाजा संघर्ष पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने का निर्णय ले सकते हैं। इसके अलावा, मध्य-पूर्व के संघर्षों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि चीजें बदल सकती हैं, कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक तरीके से। इजरायल ने दो-राज्य समाधान पर जोर दिया था, लेकिन अब इसे लेकर नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। साथ ही, फिलिस्तीनियों के बीच विश्वास स्थापित करने में समय लगेगा।
ईरान-अमेरिका परमाणु समझौता: जॉन केरी का बयान
जॉन केरी ने ईरान-अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर कहा कि इसका रास्ता अभी बंद नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप का ईरान परमाणु समझौते से बाहर निकलना एक बड़ी गलती थी। जॉन केरी ने बताया कि समझौते के तहत ईरान को अपने 13,000 सेंट्रीफ्यूज को नष्ट करना था, जो परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम समृद्ध करने में उपयोग होते हैं। इसके अलावा, उन्हें अपने प्लूटोनियम रिएक्टर को भी नष्ट करना था ताकि इसका दोबारा उपयोग न हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि समझौता स्वीकार्य नहीं था, तो इसे बदलने के लिए उनके पास करीब 15 साल का समय था।
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