वसई-विरार महापालिका 12 साल बाद करेगी वृक्षगणना,वृक्ष सर्वेक्षण के लिए तीन करोड़ रुपये की मंजूरी

वसई-विरार महापालिका 12 साल बाद करेगी वृक्षगणना,वृक्ष सर्वेक्षण के लिए तीन करोड़ रुपये की मंजूरी

वसई: 12 साल के लंबे अंतराल के बाद, वसई-विरार महापालिका के वृक्ष प्राधिकरण विभाग ने आखिरकार वसई-विरार शहर में वृक्षगणना करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और अगले हफ्ते तक निविदा प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। पालिका सूत्रों के अनुसार, इस सर्वेक्षण के लिए तीन करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है।

इससे पहले, मुंबई स्थित टेरेकॉन इकोटेक प्रा. लि. कंपनी ने 2013 से 2016 के बीच वसई-विरार महापालिका के नौ प्रभागों में वृक्षगणना की थी। 2016-17 में इस वृक्षगणना की रिपोर्ट तत्कालीन आयुक्त सतीश लोखंडे को सौंपी गई थी। वसई-विरार महापालिका का क्षेत्रफल 298.08 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस सर्वेक्षण में शहर के 261 प्रजातियों के कुल 14,14,462 वृक्षों की गणना की गई थी। अध्ययन में यह सामने आया कि ये 261 प्रजातियां 59 परिवारों से संबंधित हैं। टेरेकॉन इकोटेक प्रा. लि. ने यह सर्वेक्षण जीओ-टैगिंग और जीपीएस तकनीक की मदद से किया था। प्रत्येक वृक्ष को उसके स्थानीय नाम, ऊंचाई, उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर वर्गीकृत किया गया था।

विशेष रूप से, इनमें से 3,95,836 वृक्ष केवल सुपारी के थे। सर्वेक्षण में शामिल कुल वृक्षों में से 71% वृक्ष युवावस्था में पाए गए, जबकि 13,72,663 वृक्षों को स्वस्थ दर्ज किया गया। 251 प्रजातियों में से 140 स्थानीय प्रजातियां थीं, जिनमें 11,05,543 वृक्ष स्थानीय प्रजातियों के थे। महत्वपूर्ण रूप से, सर्वेक्षण में अधिकतर वृक्ष निजी संपत्तियों पर पाए गए, जिनकी संख्या 11,31,598 थी। प्रभाग ‘अ’ (13,745.6 वर्ग किलोमीटर) में सबसे अधिक वृक्ष थे, जबकि प्रभाग ‘जी’ (1195.76 वर्ग किलोमीटर) में सबसे कम वृक्ष पाए गए।

यह वृक्षगणना क्षेत्र में पेड़ों की वर्तमान स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी, जो भविष्य की शहरी योजना और पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में सहायक साबित होगी।

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